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مشاهدة النسخة كاملة : لك- قصة بلغارية قصيرة مترجمة



د.عبدالرحمن أقرع
16/12/2008, 04:29 PM
لك
قصة: فيستا روزا

ترجمة: د.عبدالرحمن أقرع
حقاً يصيبني الدوار من هذا التسكع، ولم يعد يعنيني أكبيرة هي الأمواج أم صغيرة..
تحملني يمنةً ويسرة ، وأحياناً ترفعني الى علوٍ شاهق ، لدرجة أنني لا أرى أي شيءٍ من الأرض حولي ، ويكون أقرب الإتجاهات الي هو الإنحدار نحو الأسفل بيد أني لا أتمكن من الغطس.

ذاكان الأحمقان اللذان ألقيا بي في الماء قد حكموا علي بالإغتسال الأبدي. أتعتقد أنهما توجسا من خطرٍ ما؟ لا كانا ببساطة ممتلئين حباً. فقد أحبا بعضهما بعضا وأحبا كل شيءٍ آخر. أحبا العالم بأسره. كانت أعينهما ملآى بالدمعِ فرحاً. وكانت أياديهما ملتصقة بقوة. وجسداهما ملتصقان بإحكام وممتلآن بالوجد . وقلباهما فياضان فياضة بالعشق. بيد أن ذلك لم يكفهما ، بل ارادا أن يعلم الجميع عن سعادتهما. فكتبا رسالتهما ببراءة ولكن: بمنتهى الصدق : ( أنت يا من ستقرأ هذه الرسالة ..إعلم أننا قلبان عاشقان ، وغرامنا غير مسبوق ولا يخضع للمقارنة، ولم يعشق من قبلنا أحد بهذه القوة وبهذا التفاني قبلنا. وبهذه الرسالة سنجعلك تشاركنا سعادتنا ونرسل لك جزءاً صغيرا من حبنا..لك وللعالم..نحبك) بعد ذلك طويا الرسالة ثم دساها فيّ..وألقوا بي في البحر. وها أنا الآن مجرد زجاجة صغيرة وحيدة تحمل الحب للعالم.



За теб

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Направо ми се вие свят от това люшкане.За мен вече няма значение вълните големи ли са или малки.Поднасят ме наляво-надясно.Понякога ме вдигат толкова високо, че ясно виждам – никаква земя наоколо.Най-близката е в посока надолу, но аз не мога да потъна.
Тия идиоти, които ме хвърлиха във водата ме обрекоха на вечно къпане.
Мислиш, че ги грозеше някаква опасност?
Не.
Просто бяха пълни с любов.
Те се обичаха.
Обичаха и всичко друго.
Обичаха целия свят.
Очите им бяха пълни със сълзи от щастие.
Ръцете-здраво вплетени една в друга.
Телата-плътно притиснати, изгарящи от страст.
Сърца, пълни с любов.
Но, това не им стигаше.Искаха всеки да знае за тяхното щастие.И написаха писмото.Наивно, но напълно искренно:
„Ти, който четеш това писмо, знай!Ние сме две влюбени сърца.Нашата любов е неповторима!Никой никога не е обичал така силно и всеотдайно, както се обичаме ние!
С това писмо те правим съпричастни към нашето щастие.
Изпращаме късче от любовта ни на теб и целия свят!
Обичаме те!”
След това грижливо сгънаха писмото,напъхаха го в мен и ме хвърлиха във водата.
И сега аз съм само една малка, самотна бутилка, която носи любов на света.

عبد الرشيـد حاجب
16/12/2008, 04:46 PM
أقصوصة رائعة

والسؤال لماذا يكتب "الآخرون " دائما بعمق

بينما نرى الناس عندنا يجرون وراء ألوان الكلمة وأجراسها؟

ألم يحن الوقت بعد للإلتفات إلى الدلالات والمعاني كما في هذه القصة؟

شكرا دكتور عبدالرحمن الرائع

ونتمنى قراءة المزيد.

تحياتي.

د.عبدالرحمن أقرع
17/12/2008, 09:42 PM
أقصوصة رائعة

والسؤال لماذا يكتب "الآخرون " دائما بعمق

بينما نرى الناس عندنا يجرون وراء ألوان الكلمة وأجراسها؟

ألم يحن الوقت بعد للإلتفات إلى الدلالات والمعاني كما في هذه القصة؟

شكرا دكتور عبدالرحمن الرائع

ونتمنى قراءة المزيد.

تحياتي.

أخي الأديب الفاضل عبدالرشيد
أشكرك على المرور اولا
وأؤكد لك ثانيا ان أزمتنا في الكتابة هي أحد ملامح أزمتنا الحضارية عموما، ولا أزيد.
مع أن الإبداع ينبغي أن يقلب طاولة الواقع المعاش لا العكس
لك من أخيك صافي المودة.